Saturday, May 24, 2008

रहें आज़ाद इस जग में हमको दुनिया से यारी क्या


परसों मेरे मेलबॉक्स में हरी मिर्च वाले मनीष जोशी जी के दो मेल थे. पहली वाली के मार्फ़त से मुझे पंडित भीमसेन जोशी का गाया कबीरवाणी वाला पूरा अलबम था. उस से दो हिस्से आप पहले सुन चुके हैं. दूसरी वाली में एक और ज़बर्दस्त चीज़ थी. २००६ में आशा भोंसले ने यूनीवर्सल रेकॉर्डस से 'कहत कबीर' संग्रह जारी किया था. आशा भोंसले की आवाज़ में कबीर को सुनना बहुत सुखद अनुभव था. इस संग्रह से आपको सुनवाता हूं अपना पसंदीदा पीस.

3 comments:

मुनीश ( munish ) said...

Ras varshaaaa! aho anandmayi surlahree! Thanx.

अमिताभ मीत said...

आह ! अद्भुत. क्या सुनवा दिया भाई. गज़ब कर दिया. वाह !

Neeraj Rohilla said...

अशोकजी,
पता नहीं कैसे ये पोस्ट छूट गयी थी, आज हाथ लगी तो मन भरके सुना । बहुत धन्यवाद ।

यकीं नहीं आता कि ये गीत आशाजी ने २००६ में गाया है । उनके कुछ नये गीत सुनकर नये गीतों से तौबा कर ली थी । लेकिन यहाँ आशाजी ने फ़िर गलत साबित कर दिया ।

आनन्द आ गया ।