Sunday, June 22, 2008

कोई श्याम मनोहर ले लो

पंडित छन्नूलाल मिश्र जी एक बार फिर. इस दफ़ा मीराबाई का एक भजन:



छन्नूलाल जी को कबाड़ख़ाने पर सुनने के लिये यहां भी जाएं:

अब ना बजाओ श्याम बांसुरिया
झूला धीरे से झुलाओ बनवारी
बन्देताम परमेश्वरिम भगवतिम
मोरे पिछवरवा

4 comments:

सतीश पंचम said...

छन्नूलालजी को जितना सुनते हैं, ऊतना और सुनने की ईच्छा बढती जाती है। प्रस्तुति के लिऐ धन्यवाद।

siddheshwar singh said...

चंगा जी चंगा!
बहुत ही चंगा
आपने तो बहाय दी
संगीत की गंगा!
सुना है कई बार
फ़िर बी सुनने को जी चाहे
बार-बार!

anurag vats said...

channulal mishr mere bahut priy gayak hain...is geet ko main hazarha 2in1 pr sun chuka hun...ab wh kharab ho gaya hai...yahan aapne ise post kr acha kiya...ho sake to shobha gurtu ka gaya piaya milan ham jaibe ho rama post kijiye...unka kanth bhi adbhut tha...3-4 baras phle nhin rahin...

शिरीष कुमार मौर्य said...

छन्नूलाल मिश्र उन चंद गुणी गायकों में हैं, जिन्होंने सुगमता का जोखिम उठाकर भी शास्त्रीयता की रूढ़ि को तोड़ा है। उनकी आवाज देर तक रहने-ठहरने वाली आवाज है। आइये अशोक से कहें कि वो राग हंसध्वनि में छन्नूलाल मिश्र की गायी दुगाZ स्तुति भी पॉडकास्ट करे !