Thursday, March 26, 2009

जोशिम को पुत्रशोक

अभी अभी आए एक एस एम एस ने मुझे भीतर तक तोड़ कर रख दिया है: "Kartik passed away in delhi day before yesterday night suddenly and peacefully. Manish"

प्रिय मित्र मनीष जोशी जिन्हें ब्लॉगजगत के लोग जोशिम के नाम से जानते हैं, का छोटा बेटा कार्तिक नहीं रहा. चट्टान जैसा कलेजा रखने वाले मनीष भाई ने लम्बे समय तक असाध्य रोग से ग्रस्त कार्तिक के बारे में जितना बतलाया था, उस से स्पष्ट था कि बच्चे के पास सीमित सांसें बची हुई हैं. उनके ब्लॉग पर यदाकदा लगने वाली उनकी बेचैन कर देने वाली कविताओं से सम्भवतः बहुत कम लोग अनुमान लगा पाते होंगे कि परदेस में रह रहा उनका पूरा परिवार कितने जीवट से एक अवश्यंभावी त्रासदी का इन्तज़ार किया करता था.

लेकिन अब जब होनी हो गई है तो मेरे गले में बहुत बड़ी फांस अटक गई है. टेलीफ़ोन पर बात करने की हिम्मत नहीं हो रही उनसे.

इसी ब्लॉगजगत के माध्यम से इस कदर संजीदा और ज़िन्दादिल इन्सान से परिचय हुआ था. मुलाकातें हुई थीं. इसी के माध्यम से आप सब को सूचित करना अपना फ़र्ज़ समझता हूं.

मनीष भाई के दुख में हम सब शामिल हैं.

और क्या कहा जा सकता है

हमारी साझा सम्वेदनाएं.

41 comments:

Ashok Pandey said...

ओह यह अत्‍यंत दुखद है। बाप को बेटे की अर्थी उठानी पड़े, इससे बड़ा दुख दुनिया में कुछ भी नहीं हो सकता। ईश्‍वर मनीष जी और उनके परिवार को शक्ति दे कि वे इस सदमे को बर्दाश्‍त कर सकें। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

अरे! यह क्या हो गया! बहुत दारुण समाचार है यह तो!

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

सम्बेदना .इसके सिवा और क्या

Pratyaksha said...

कल पता चला .. ईश्वर मनीष और मोना को संबल दे ...

siddheshwar singh said...

आह ,अब ब्लाग पर अपने अनदेखे मित्रों के बाबत ऐसी दुखद सूचनायें भी देखनी पड़ेंगी.

डॉ .अनुराग said...

बस इतनी प्राथना की ईश्वर शक्ति दे उन्हें इस भीषण दुःख से लड़ने की .

वीरेन डंगवाल said...

oh,ham sab pyare manish, ham sab.

Ek ziddi dhun said...

इतना बड़ा दुख...समझ नहीं आता, कौन से शब्द हैं ऐसे में संबल के लिए

ghughutibasuti said...

बहुत दुखद समाचार है। मनीष जी के साथ मेरी संवेदनाएँ।
घुघूती बासूती

रवीन्द्र प्रभात said...

यह अत्‍यंत दुखद समाचार है। ईश्‍वर मनीष जी और उनके परिवार को शक्ति दे कि वे इस सदमे को बर्दाश्‍त कर सकें। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।

शिरीष कुमार मौर्य said...

ऐसे समाचार पर कोई संवेदना अगर शब्दों में व्यक्त हो सकती हो तो मेरी भी ...

P.N. Subramanian said...

उस बच्चे के लिए हमारी श्रद्धांजलि. मनीष जी और उनके परिवार को इश्वर शक्ति दे.

रवि रतलामी said...

ईश्वर कार्तिक की आत्मा को शांति प्रदान करें, व मनीष जी को इस दुख को सहने की शक्ति.

संध्या आर्य said...

bhagwan takat pradan kare aapke pariwar ko

पारुल "पुखराज" said...

taqleef hai sunkar ..

स्वप्नदर्शी said...

meri smvedanaaye bhee shamil hai, is mushkil vaqkt me

विधुल्लता said...

aap honslaa rakhen..

Rajeev (राजीव) said...

पुत्र की असामयिक मृत्यु कितनी दुखद होगी यह कल्पनातीत है। ईश्वर मनीष जी और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति दे, यही कामना है और साथ ही बालक की आत्मा को शांति प्रदान करे।

pankaj srivastava said...

पिता की मृत्यु पर एक मित्र को बंधाया था ढाढ़स...ये कहते हुए कि कभी नहीं मरते पिता...हमारी रगों में दौड़ते हैं खून बनकर, हमारी स्मृतियों से निकलकर, बार-बार पकड़कर उंगली, करते हैं सुगम हमारी यात्रा....पर जोशिम के दुख पर क्या कहूं....न जान न पहचान पर कलेजा फट रहा है....शोक को शक्ति बनाओ मित्र ताकि दुनिया कुछ सुंदर बन सके जिसमें शायद रहना पसंद करता कार्तिक....

अविनाश वाचस्पति said...

दुख भारी

है लाचारी।

मुनीश ( munish ) said...

Maneesh bhai ,
Words are but incapable carriers of grief and sorrow we all feel on this tragic moment and i pray may He give you the strength to bear the unbearable and may u emerge stronger than ever.May God bless you my dear.
Munish

अनुराग अन्वेषी said...

:-((

रंजना said...

ओह !!!! अत्‍यंत दुखद !!

संतान के दुःख से बड़ा दुःख दुनिया में और कुछ भी नहीं होता...जाने वाला तो चला गया,पर ईश्वर उसके अभिभावकों को इस विषम क्षण में धैर्य और संबल दें ...

हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।

अजित वडनेरकर said...

दोपहर को बेजी के ईमेल से दुखद समाचार मिला, तब से बेचैन हो गया। मनीष भाई से हमेशा कार्तिक के हालचाल लिया करता था...उसकी स्थिति गंभीर थी...शाम को फोन पर बात हुई...ईश्वर की मर्जी के आगे सब बेबस हैं...
प्रभु ने शायद कुछ असाध्य ही समझा होगा...कार्तिक की सुखद स्मृतियों के साथ इस परिवार में सब सहज-सामान्य और मंगलमय हो यही प्रार्थना है...

Tarun said...

अभी अभी ये पता चला, उनके बच्चे के बारे में उनकी बहिन से मुझे सब पता चला था, साथ ही साथ मनीष दाज्यू की जीवटता का भी पता चला। बहुत ज्यादा ही दुख हुआ ये सुनकर, कार्तिक की आत्मा को शांति के लिये प्रार्थना।

Satish Chandra Satyarthi said...

क्या कहूं. पहली बार कोइ ब्लॉग पोस्ट पढ़कर आँखें नम हों आईं. खैर एक दुसरे के दुखों में संबल बनना भी तो ब्लॉग जगत की सार्थकता ही है. इश्वर बालक के परिजनों को इसे सहने की शक्ति दे.

नितिन | Nitin Vyas said...

श्रद्धांजलि. मनीष जी और उनके परिवार को ईश्वर शक्ति दे.

Unknown said...

yah mahabharat mein likha hai ki 6 prakaar ke shok hote hain, jinmein putra-shok mahashok hai------sabse bada shok ! yah aisa maqaam hai, jahaan bhasha nirupaay ho jaati hai aur shayad samvedana ya sahaanubhooti bhi. magar hamaare anoothe vichaarsheel mitra pankaj shrivaastav ne manish ji ko is mushkil waqt mein yah roshan khayaal sujhaaya hai ki pita kabhi nahin marte. isi rachanaatmak tark se ham yah kah sakte hain ki bete bhi kabhi nahin marte ! kaartik hamesha hamaare & manish ji ke saath rahega.

----pankaj chaturvedi
kanpur

Ashish Khandelwal said...

ईश्वर मनीष जी और उनके परिवार को संबल दे।

Unknown said...

uf...

कंचन सिंह चौहान said...

kash...! kuchh kah ya kar paati....!

नीरज गोस्वामी said...

आज सुबह शिव ने जब सूचना दी तो एक एक कोई प्रतिक्रिया दे ही नहीं पाया...तुंरत कबाड़खाना खोला और स्तिथि स्पष्ट हुई...मनीष जी से मैं कभी मिला नहीं लेकिन उनकी रचनाओं और मेल के आदान प्रदान से एक भावनात्मक रिश्ता कायम हो गया था...आज इस दुखद घडी में क्या कहूँ समझ नहीं पा रहा...इश्वर मृतक की आत्मा को शांति और परिवार जन को इस सदमे को सहने की शक्ति प्रदान करे...
नीरज

Manish Kumar said...

behad dukh hua jaankar

संगीता पुरी said...

क्‍या कहूं ... शब्‍द नहीं है कहने को ...

ravindra vyas said...

अपने पिता की याद आ गई जब उन्होंने अपने छोटे बेटे को कांधा दिया

Sagar Chand Nahar said...

बहुत ही दुखद: समाचार।
भगवान मनीष जी के परिवार को यह दुख सहन करने की भक्ति दे और कार्तिक की आत्मा को शान्ति दे।

मोहन वशिष्‍ठ said...

बहुत ही दुखद: समाचार।
भगवान मनीष जी के परिवार को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति दे और कार्तिक की आत्मा को शान्ति दे।

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

अभी-अभी पता चला इस दुःख के बारे में। मन क्लान्त हो उठा। ईश्वर कार्तिक की आत्मा को शान्ति दे। जोशिम जी को यह दुःख सहने की धीरता और शक्ति दे। हार्दिक संवेदनाएं।

Uday Prakash said...

ओह! ओह! मैं स्तब्ध हूं ! ईश्वर उन्हें यह महादुख सहने का सामर्थ्य दे!

दीपा पाठक said...

मनीष जी, हम सब जानते हैं दुनिया की कोई सहानुभूति आपके परिवार के इस दुख को कम नहीं कर सकती, फिर भी हम सब इस मुश्किल घङी में आपके साथ हैं। क्या कहूं.....आंखे नम हैं और गला रूंधा है। हिम्मत बनाए रखें और क्या...

Arun Aditya said...

इतना बड़ा दुख...मनीष भाई के दुख में हम सब शामिल हैं.