Monday, February 21, 2011

ओ हेलेन, क्या बारिश है

महमूद दरवेश की कई रचनाएँ कबाड़ख़ाने पर पेश की जा चुकी हैं. उसी कड़ी में अज उनकी एक और कविता:


ओ हेलेन, क्या बारिश है

एक मंगलवार को मेरी मुलाक़ात हुई हेलेन से
तीन बजा था, अनन्त ऊब का पल
लेकिन
हेलेन जैसी स्त्री के साथ
बारिश की ध्वनि
यात्रा के साथ किसी गीत जैसी थी.
उफ़ क्या बारिश है
और उफ़ क्या इच्छा
ख़ुद अपने लिए स्वर्ग की इच्छा
और उफ़ क्या कराहें
अपनों के लिए भेड़ियों की कराहें
सुखाई हुई छतों पर बारिश
गिरजाघरों में मूर्तियों का सुखाया गया सोना
रोटी बेचनेवाला एक अजनबी, हेलेन से कहता है:
"धरती मुझसे कितना दूर है और
तुमसे कितनी दूर है प्रेम?"

अजनबी हेलेन से कहता है,
एक गली में जो हेलेन के स्टॉकिंग जितनी संकरी है,
"केवल एक ही शब्द है और बारिश
पेड़ों के लिए प्यासी बारिश
पत्थरों के लिए प्यासी बारिश."

रोटी बेचने वाले से अजनबी कहता है
"हेलेन, हेलेन,
क्या इस पल डबलरोटी की महक तुम से उठती हुई
एक सुदूर देश की बालकनी में
होमर के शब्दों की जगह नहीं ले रही?
क्या कविता के सूखे पेड़ों से होकर
नमी तुम्हारे कन्धों से भाप बनकर नहीं उठ रही."

हेलेन जवाब देती है, "क्या बारिश है! क्या बारिश है!"


अजनबी उससे कहता है:
"मैं चाहता हूं कि नारसिसस पानी को निहारे,
मेरे शरीर में तुम्हारे पानी को.
ओ हेलेन, हमारे स्वप्नों के पानी को निहारो
और अपने किनारों पर तुम सुनोगी
मृतक तुम्हारे नाम का जाप कर रहे होंगे.
ओ हेलेन, हेलेन,
हमें अकेला मत छोड़ो
चन्द्रमा जितना अकेला!"

वह जवाब देती है, "क्या बारिश है! क्या बारिश है!"
अजनबी उससे कहता है,
"मैं लड़ा करता था तुम्हारी अपनी जुड़वां खन्दकों में -
मेरे एशियाई रक्त से कभी मुक्त नहीं होओगी तुम
उस अनजान रक्त से कभी मुक्त नहीं होओगी तुम
जो बह रहा है तुम्हारे ग़ुलाबों की नसों में!
कितने क्रूर थे यूनानी उन दिनों
अपनी गाथा की खोज में
कितनी शिद्दत से यात्राएं किया करता था वह जंगली ओडीसियस !"

मैंने हेलेन से जो नहीं कहा, वह कहा
और जो कहा वह मैंने नहीं कहा.
लेकिन हेलेन जानती है कि अजनबी ने क्या छोड़ दिया अनकहा
और जो वह कहता है बारिश में
घुलाती अपनी महक वाली डबलरोटी से.
सो वह उसे जवाब देती है:
"ट्रॉय का युद्ध कभी हुआ ही नहीं था
कभी नहीं
कभी नहीं"


क्या बारिश है!
क्या बारिश!

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हेलेन: हेलेन ऑफ़ ट्रॉय के नाम से जानी जाने वाली ज़ीयस और लीडा की पुत्री.

होमर: ईसा से करीब आठ सौ साल पहले जन्मे एक महान प्राचीन यूनानी कवि जो अपने महाकाव्यों इलियाड और ओडिसी के लिए जाने जाते हैं.

नारसिसस: यूनानी गाथाओं के मुताबिक एक अति सुदर्शन युवक जिसे तालाब में दिख रही अपनी ही परछाई से प्यार हो गया था जो उसकी मृत्यु का कारण बनी.

ओडीसियस: होमर की महागाथा ओडिसी का नायक एक यूनानी राजा.

ट्रॉय का युद्ध: पेरिस नामक एक योद्धा द्वारा हेलेन का अपहरण कर लिए जाने के परिणामस्वरूप ट्रॉय का युद्ध हुआ था.

2 comments:

मुनीश ( munish ) said...

lovely . thnx for footnotes.

vandana gupta said...

गज़ब का खाका खींचा है। आभार्।