Tuesday, February 22, 2011

खाने पीने को पैसा होय तो जोरू बन्दगी करे



पंडित भीमसेन जोशी सुना रहे हैं सन्त कबीर की रचना - सब पैसे के भाई



(शुरू के पांच-सात सेकेन्ड तक शायद कुछ भी सुनाई न दे. कुछ तकनीकी ख़ामी है. माफ़ी!)

यहां से डाउनलोड करें: http://www.divshare.com/download/14131317-eac

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