Wednesday, December 28, 2011

सब गोकुल के प्राण जीवन धन, बैरिन के उर साल

पण्डित जसराज का यह कृष्णभजन मुझे बेहद कर्णप्रिय लगता रहा है. आप भी सुनिये-

.... उपजि पर्यो यह कूंखि भाग्य बल, समुद्र सीप जैसे लाल
सब गोकुल के प्राण जीवन धन, बैरिन के उर साल

सूर कितो जिय सुख पावत हैं, निरखत श्याम तमाल
रज आरज लागो मेरी अंखियन, रोग दोष जंजाल