Friday, April 20, 2012

झन झन झन झन पायल मोरी बाजे


राग नट बिहाग में सुनिए पंडित मल्लिकार्जुन मंसूर की एक शानदार रचना. उनके सुपुत्र राजशेखर उनके साथ गा रहे हैं. महमूद धौलपुरी हार्मिनियम पर हैं जबकि तबला नवाज़ हैं फैय्याज़ खान. इस लिंक को उपलब्ध कराने के लिए हमारे कबाड़ी इरफ़ान का शुक्रिया कीजिये.

4 comments:

Anupama Tripathi said...

नट और विहाग ....बहुत ही सुंदर ....

नीरज गोस्वामी said...

अलौकिक....अद्भुत

नीरज

S.N SHUKLA said...

बहुत खूब , बधाई.
कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की १५० वीं पोस्ट पर पधारें और अब तक मेरी काव्य यात्रा पर अपनी राय दें, आभारी होऊंगा .

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

बेहद खूब ....झन झन झन झन पायल मोरी बाजे ... वाह ..उम्दा