Saturday, June 29, 2013

अकबर इलाहाबादी के दो शेर


उससे तो इस सदी में नहीं हम को कुछ ग़रज़
सुक़रात बोले क्या और अरस्तू ने क्या कहा

बहरे-ख़ुदा नाब यह दें हम को इत्तेला

साहब का क्या जवाब था, बाबू ने क्या कहा

(बहरे-ख़ुदा-भगवान के वास्ते)