Monday, February 29, 2016

कोऊ जाय तखत पै बैठे कोऊ भए तनखैया


बानी हिरनगरभ सतसंगी
- संजय चतुर्वेदी

सबद अकाली बड़े लड़ैया,
बानी हिरनगरभ सतसंगी अगम लोक दरसैया 
कबू खुदाई कबू नबूवत पोथी कबू पढ़ैया 
कोऊ जाय तखत पै बैठे कोऊ भए तनखैया 
सुर बिराट संगीत सिरोमन अनहद राग गवैया 
निरगुन कबू कबू गुन-सम्मत शिवजंगम प्रगटैया 
रीतिबद्ध बिकराल ऊरजा कहा करै सतसैया 
निरंकार गोबिंद निहंगी जो परपीर धरैया 
भक्ति द्रावड़ी जनाधार पुनि अटपट चलै सवैया 
सिद्धनाथ रोचन कबीर मन लोचन नीर बहैया.

 (2015)

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