Friday, December 30, 2016

जो रास्ता भूलेगा


जो रास्ता भूलेग
-चंद्रकांत देवताले

मैं सुन रहा हूँ
किसी के पास आने की आहट

मेरी देह बता रही है
कोई मुझे देख रहा है

जो रास्ता भूलेगा
मैं उसे भटकावों वाले रास्ते ले जाऊँगा

जो रास्ता नहीं भूलते
उन में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं

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